News Date: 28 Jul 2022
छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के एक विधायक के खिलाफ दुर्ग जिला न्यायालय ने धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। विधायक पर लाभ के दोहरे पद में रहने और एक महिला को गर्व इंस्टीट्यूट का मेंबर व डायरेक्टर बनवाने का लालच देकर 23.25 लाख रुपये ठगी का आरोप है। पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने के बाद कोर्ट में परिवाद दायर किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग अमृता दिनेश मिश्रा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद न्यायालय ने धारा 420 के तहत अपराध करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद सियासी गलियारों हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के मुताबिक धमतरी जिले के सिहावा से विधायक लक्ष्मी ध्रुव के खिलाफ कोर्ट ने अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है। लक्ष्मी ध्रुव भिलाई के पुरई उतई स्थित गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान की अध्यक्ष थीं। वह 2010 से 2018 तक इस पद पर रहीं। उन्होंने प्रगति महिला गोंड़वाना समाज की सदस्य सेक्टर-7 भिलाई निवासी पूर्णिमा ठाकुर को गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में सदस्य और उसके बाद डायरेक्टर बनाने का लालच दिया। लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर से 23.25 लाख रुपये की डिमांड की थी। पूर्णिमा ठाकुर ने किस्तों में संस्थान के खाते में पैसे ट्रांसफर भी कर दिए। पूर्णिमा ठाकुर 2010 से 2013 तक संस्था में रही। उन्होंने 1300 रुपये प्रतिमाह पेट्रोल भत्ता भी लिया। 2013 में लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर को यह कहते हुए निकाल दिया कि संस्था की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। रुपये लाभांश के साथ लौटने की बात भी कही गई थी।
परिवाद में लाभ के पदों पर भी रहने का आरोप
कोर्ट में दायर परिवाद में बताया गया है कि लक्ष्मी ध्रुव एक साथ लाभ के दो पदों पर पदस्थ रहीं। गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में अध्यक्ष रहने के दौरान ही वे शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्व. शासकीय महाविद्यालय दुर्ग असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहीं। लक्ष्मी ध्रुव दोनों जगहों से ही लाभ लेती रहीं। परिवाद में यह भी आरोप लगाया है कि लक्ष्मी ध्रुव ने सिहावा विधानसभा से 2018 में चुनाव जीता और विधायक बनीं। इसके बाद भी गर्व इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन के रूप में कार्य करती रहीं। उन्होंने गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान को 2019-2020 की मान्यता दिलाने चेयरपर्सन के रूप में ऑल इंडिया काउंसिल टेक्निकल (एनआईसीटी) नई दिल्ली को पत्र लिखा है।