सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि राज्यों को ‘औद्योगिक शराब’ पर नियमन और कर लगाने का अधिकार है, क्योंकि यह संविधान के अंतर्गत नशे की सामग्री की परिभाषा में आती है। अदालत ने स्पष्ट किया कि औद्योगिक शराब को नशे की सामग्री के तहत रखा जा सकता है, जिससे राज्यों को यह अधिकार है कि वे इसे नियंत्रित और टैक्स कर सकें। यह निर्णय राज्यों को अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए एक नए तरीके के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित करता है।