मुंबई: बोरीवली पुलिस ने यौन शक्तिवर्धक दवाओं का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिक्री करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोप है कि इस गिरोह के लोग अमेरिकी नागरिकों को वायग्रा (Viagra) बेचते थे। इसके लिए वे कॉल सेंटर भी खोल रखे थे। इसी फर्जी काल सेंटर के जरिए भारत से बाहर के निवासियों को कॉल कर उन्हें इन दवाओं के बारे में बताकर उनसे पैसे वसूलते थे। पुलिस ने इस कॉल सेंटर (Fake Call Centre) के मालिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, मास्टरमाइंड शादाब शेख फरार है।पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी की पहचान कॉल सेंटर के मालिक रवि लालवानी (44) के रूप में हुई है, जबकि जितेंद्र मित्तल (31), शब्बीर खान (23), शकील शेख (23) और संतोषी संघवी (44) टीम को लीड करते थे। ये लोग लाइफस्टाइल फिटनेस कॉल सेंटर के प्रभारी भी बताए जा रहे हैं।
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डीसीपी अजय कुमार बंसल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 276, 417, 419, 420 और 34 और आईटी ऐक्ट की धारा 65, 66 (के), 66 (डी), 72 (ए), और 75 के तहत केस दर्ज किया गया है। बोरीवली थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक निनाद सावंत ने कहा कि आरोपियों को अदालत ने 17 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
50 प्रतिशत छूट का देते थे ऑफर
बोरीवली पुलिस के मुताबिक, गिरोह में शामिल टेलिकॉलर इन प्रतिबंधित कामोतेजक दवाओं को 50 प्रतिशत छूट पर बेचने की बात कहकर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे। चूंकि, सामने वाला जरूरतमंद लोग इन लोगों की बात पर भरोसा कर उन्हें ऑनलाइन भुगतान कर देते थे। इसके बाद भी उन्हें उत्पादों की डिलिवरी नहीं मिलती थी। इसकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने जाल बिछाया और गोराई स्थित एक बंगले पर छापेमारी कर वहां से इस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोर किया।
बताया जा रहा है कि इस बंगले में पहले कोचिंग क्लास चलती थी। जिसे आरोपी ने किराए पर लिया और मार्च से लाइफस्टाइल फिटनेस सेंटर के बहाने यहां कॉल सेंटर चला रहा था। इसकी सूचना बोरीवली थाने के वरिष्ठ निरीक्षक निनाद सावंत को मुखबिर ने दी, जिसके बाद डीसीपी अजय कुमार बंसल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने बंगले से दो महिलाओं समेत 16 लोगों को पकड़ा। हालांकि, इनमें से 11 लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया। मौके से 11 हार्ड डिस्क और कंप्यूटर बरामद हुए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी वियाग्रा, सियालिस, लेविट्रा और जेली जैसे कामोत्तेजक दवाई बेचने के बहाने अमेरिका, यूरोप और बाहरी देशों के लोगों को कॉल करते और फिर उनका ऑर्डर बुक कर उनसे मोटी रकम ऐंठते थे। अधिकतर पीड़ितों ने इन लोगों को क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान करने की शिकायत की है। उन्होंने मुंबई पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि ऑर्डर देने और भुगतान करने के बाद भी उन्हें दवा नहीं भेजी जाती थी।