Updated: 14 Dec 2022, 6:32 pm
मुंबई, पुणे, लोनावाला, कोंकण में आलीशान बंगले, कई लग्जरी कारें, 22 बैंक अकाउंट, 1 करोड़ 40 लाख रुपये की एफडी… ये हकीकत है एक ऐसी महिला की जो मुंबई में कभी दूध बेचा करती थी, लेकिन आज वो अरबों रुपये की मालकिन है। आज उसके घर में नौकर-चाकर है। वो ज़िंदगी के सारे ऐशो आराम ले रही है। ये दौलत उसने अपनी मेहनत से नहीं बल्कि अपने शातिर दिमाग से कमाई। दूध बेचने वाली से वो बन गई ड्रग माफिया। वो बेचने लगी हेरोइन, अफीम, ब्राउन शुगर और मेफेड्रोन। वो करने लगी थी मुंबई में नशे का काला कारोबार।
ड्रग्स क्वीन बेबी पाटणकर की कहानी
ये कहानी है मुंबई की शशिकला पाटणकर (Sashikala Patankar) की जिसे ड्रग्स की दुनिया में बेबी के नाम से जाना जाता है। बचपन में ही बेबी (Baby Patankar) के माता-पिता की मौत हो गई। बेबी के चार भाई थे, लेकिन कुछ समय बाद उनपर किसी के कत्ल का आरोप लगा और उन्हें जेल भेज दिया गया। छह साल की बेबी अब एकदम अकेली थी। हालांकि उसका एक और भाई बाहर था, लेकिन बेबी की जिंदगी अब उसे खुद देखनी थी। छोटी सी बच्ची को हालातों ने बड़ा बना दिया था। छह साल की उम्र में उसने लोगों के घर काम करना शुरू किया। धीरे-धीरे वो बड़ी होने लगी।
मुंबई में दूध बेचकर करती थी गुजारा
सोलह साल की उम्र में बेबी की शादी कर दी गई, लेकिन हालात यहां भी नहीं सुधरे। शादी के कुछ साल बाद ही उसकी अपने पति से झगड़े शुरू हो गए और फिर बेबी अपने भाई के घर के पास ही कमरा लेकर रहने लगी। वो लोगों के घरों में दूध बेचकर अपना गुजारा करती थी, लेकिन इसी दौरान उसकी मुलाकात अपने अपनी भाभी के भाई हुई। वो महंगी कीमत चुकाकर ड्रग्स लेता था। वो लाकर बेबी के घर में ही छुपाता था। धीरे-धीरे बेबी भी ड्रग्स के कारोबार को जानने और समझने लगी। उसे लगा ड्रग्स का धंधा करना फायदे का सौदा है। उसने ड्रग सप्लायर से दोस्ती शुरू की। अब बेबी का कमरा ड्रग सप्लाई का अड्डा बन गया था।
पुलिस की मदद से ड्रग का कारोबार
वो बड़े सप्लायर से ड्रग्स खरीदती और स्कूल कॉलेज के बाहर जाकर लड़के-लड़कियों को बेचती। एक बार पुलिस की एक टीम ने बेबी के कमरे में रेड डाली। पुलिस की उस टीम में एक कॉनस्टेबल धर्मराज कालोखे भी था। इस रेड के बाद धर्मराज और बेबी की दोस्ती हो गई। वो बेबी की काले कारोबार में उसका साथ देने लगा। वो उसे रेड से बचाता यहां तक की कई बार तो बेबी पुलिस की गाड़ी में बैठकर ही ड्रग्स बेचने जाती। पुलिस की मिलीभगत से बेबी का ड्रग्स का कारोबार कई गुना बढ़ गया। धर्मा और बेबी का रिश्ता किसी से छुपा नहीं था। बेबी को धर्मराज की गर्लफ्रेंड के रूप में मशहूर हो चुकी थी।
30 सालों तक किया नशे का धंधा
सालों तक वो ड्रग्स के धंधे को बढ़ाती रही। अब वो नशे की दुनिया की क्वीन बन चुकी थी। स्लम एरिया में रहने वाली ये लड़की जो कुछ समय पहले तक दूध बेचा करती थी अब करोड़ों में खेलती थी। बेबी ने अपने भाइयों और पूरे परिवार को ही इसे धंधे में लगा दिया था। वो धर्मराज को भी उसका हिस्सा देती। मध्यप्रदेश और राजस्थान के बड़े ड्रग्स डीलरों से वो ड्रग्स खरीदती और फिर मुंबई में उसे छोटे डीलर्स को सप्लाई करती। करीब तीस साल तक सबकुछ ऐसे ही चलता रहा। पुलिस की शह मिलती रही और नशे का अवैध धंधा खुलकर चलता रहा। बेबी ने इस धंधे से 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली थी। उसकी गिनती मुंबई के अमीरों में होने लगी।
मेफेड्रान की थी बड़ी सप्लायर
साल 2015 नशे की इस रानी के लिए मुसीबत वाला साल बनकर आया। फ़रवरी 2015 में सरकार ने मेफ़ेड्रोन (Mephedrone) को नारकोटिक्स ड्रग्ज एंड सायकोट्रोपिक सबस्टन्स कानून के तहत नशीली दवा करार दिया। दरअसल पिछले कुछ सालों में यंगस्टर्स में मेफेड्रोन के नशे की काफी ज्यादा डिमांड है। इसे नशे की दुनियां में म्याऊं-म्याऊं के नाम से जाना जाता है। मुंबई में इस नशे का धड़ल्ले से कारोबार हो रहा था और बेबी पाटणकर मेफेड्रोन की सबसे बड़ी डीलर थी। दूसरे नशीली चीज़ों के साथ-साथ वो मेफेड्रोन के जहरीले नशे को भी देश के युवाओं तक फैला रही थी।
बॉयफ्रेंड के घर से मिली 124 किलो ड्रग्स
सरकार ने जब मेफेड्रोन को जहीरीला ड्रग घोषित किया तो उसके बाद पुलिस ने बेबी पर शिकंजा कसना शुरू किया। जिस बेबी ने पुलिस की शह पर पूरे मुंबई में नशे का जाल फैला दिया था वो अब पुलिस से बचती फिर रही थी। 9 मार्च 2015 को सतारा पुलिस ने धर्मा कालोखे के घर पर छापा मारा तो वहां से 124 किलो मेफेड्रोन बरामद की गई जिसकी कीमत करीब 23 करोड़ रुपये थी।
पुलिस स्टेशन में भी रखी गई थी ड्रग
पुलिस को ये भी सूचना मिली थी कि मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी ड्रग्स रखी गई है जहां पर धर्मा कालोखे तैनात था। कहते हैं जब पुलिस स्टेशन के लॉकर को चेक किया गया तो वहां भी 12 किलो ड्रग रखी हुई थी। ये ड्रग बेबी ने धर्मा कालोखे को संभालने के लिए दी थी। पुलिस स्टेशन के अंदर से ड्रग मिलने के बाद हर तरफ सनसनी मच गई। धर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। धर्मा ने बेबी का नाम लिया। उसने बताया कि मुंबई में ड्रग की मास्टर माइंड शशिकला पाटणकर उर्फ बेबी पाटणकर ही है और ये मेफेड्रोन भी उसी ने रखवाई थी।
2015 में बेबी हुई गिरफ्तार
इस ड्रग्स के खुलासे के बाद बेबी के परिवार के कई लोगों गिरफ्तार किया गया, लेकिन बेबी का कोई पता नहीं था। कुछ दिनों बाद पुलिस को खबर मिली कि साड़ी पहने, माथे में बड़ी बिंदी लगाए मुंबई की ड्रग माफिया बेबी पाटणकर लग्जरी बस में बैठकर कुराड से मुंबई आ रही है। पुलिस की टीम उस सूचना पर तुरंत वहां पहुंची तो खबर एकदम सही थी। वो बेबी ही थी। पुलिस ने बेबी को गिरफ्तार किया। तीस साल से ड्रग्स के धंधे को चला रही बेबी आखिरकार पुलिस की पकड़ में आ ही चुकी थी। हालांकि थोड़े समय बाद ही वो जमानत पर बाहर भी आ गई।